National Income
राष्ट्रीय आय :- एक लेखा वर्ष में देश के सामान्य निवासियों द्वारा आर्थिक कारक साधन आय का कुलयोग है।
यह उत्पादन का के कारकों आथत किसी राष्ट्र की श्रम पूजी भूमि और अधीनता द्वारा प्रष्ट मजदूरी वेतन व्याज लाभ आदि जैसे कारक आय का कुलयोग है।
इसका सकल घरेलू उत्पाद के रूप में मापन किया जाता है और इसके प्रकार NDP NNP आदि है। GDP घरेलु क्षेत्र के भीतर एक बित्तीय वर्ष की किसी अर्थ्ब्यय वस्या में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य का पैमाना है।
इस प्रकार GDP = अर्थव्यवस्था में सभी संख्याओं के सकल मुलचवंधन का कुल है।
National Income कुल योग का अनुमान या तो कारक लागत या बाजार मूल्य के आधार पर लगाया जाता है।
भारत में National Income का इतिहास दादाभाई नौरोजी विलियम डिगवी वी राव और RC देसाई जैसे उल्लेखनीय अर्थशात्रों द्वारा राष्ट्रीय आय के कई अनुमान लगाये गए थे।
- पहला प्रयास 1868 में दादाभाई नौरोजी ने किया था।
- डॉ बी. के. आर. वी. राव ने 1931-32 में राष्ट्रिय आय की गणना करने के लिए पहली वैज्ञानिक विधि का उपयोग किया था। ऐसा करते समय उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को दो भागों में बिभाजित किया।
( A ) प्राथमिक क्षेत्र ( B ) द्वितीय क्षेत्र
- राष्ट्रीय आय की गड़ना करने का पहला आधिकारिक प्रयास भारत सरकार द्वारा नियुक्त राष्ट्रिय आय समिति के प्रमुख के रूप में P. C. महालनो बिस ने किया था
- बाद में GDP के आकलन का काम केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय को सौप दिया गया और राष्ट्रीय स्तर पर CSO के अधीन पूरी तरह से विकसित राष्ट्रीय आय प्रयाग का निर्माण किया गया।